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दिल की आवाज

                  आगाज तो होता है अंजाम नहीं होता                   जब मेरी कहानी में वह नाम नही होता                   जब जुल्फ कीी कालिख में गुम जाए कोई राही                  बदनाम सही लेकिन गुमनाम नहीं होता                  हसं हसं के जवा दिल के हम क्यों न चुने टुकड़े                  हर शक्स की किस्मत में ईमान नहीं होता                  बहते हुए आंसू ने आंखों से कहा थमकर                 जो मय से पिघल जाए वह जाम नहीं होता                 दिन डूबे हैं या डूबी बारात लिए कश्ती                साहिल पे मगर कोई कोहराम नहीं होता       ...

veer SHAHID KESARI CHAND ji KO SHAT SHAT NAMAN

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आजादी की लड़ाई में उत्तराखंड के जौनसार के वीर सपूत केसरी चंद का नाम हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। अमर शहीद वीर केसरी चंद का जन्म 1 नवंबर, 1920 को जौनसार के क्यावा गांव में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा विकासनगर में हुई थी। इसके बाद उन्होंने डीएवी कॉलेज में अपनी पढ़ाई जारी रखी। बचपन से ही साहसी केसरी चंद बचपन से ही साहसी थे और खेलों में उनकी विशेष रुचि थी। उनमें नेतृत्व का गुण और देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। कहा जाता है कि स्वतंत्रता आंदोलन के लिए उन्होंने कांग्रेस की बैठक और कार्यक्रमों में भी भाग लिया था। इसी भावना के कारण वह 10 अप्रैल 1941 में रॉयल आर्मी सर्विस कॉर्प्स में भर्ती हो गए। उन दिनों द्वितीय विश्व युद्ध के पूरे जोरों पर था। 29 अक्टूबर 1941 पर केसरी चंद, मलाया की लड़ाई के मोर्चे पर तैनात किया गया है। इस दौरान केसरी चंद को जापानी सेना ने बंदी बना लिया था। वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नारे " तुम मुझे खून दो , मैं तुम्हें आजादी दूंगा ' से प्रेरित होकर केसरी चंद आजाद हिंद सेना में भी शामिल हुए। उनके अदम्य साहस के कारण उन्हें जोखिम भरा कार्य...
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                            पहाड़ी एडिटिंग गाना       धोखा                                                                  download-https://i.ytimg.com/vi/5sYOkEK0QHY/0.jpg Jonsarimahi. Blogspot. Com

5वॉ धाम हनोल

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। महासू देवता मंदिर देहरादून से 190 किलोमीटर दूर और मसूरी से 156 किमी, चकराता के पास हनोल गांव में टोंस नदी के पूर्वी तट पर स्थित हैं। Hanol is a popular village on the banks of Tons river in Chakrata. Hanol is named after the Brahmin Huna Bhatt. Surrounded by the lush green hills, Hanol has a scenic location and a tourist spot near Chakrata. But Hanol is more famous for the Mahasu Devta Temple. Visitors and devotees from far away places visit Mahasu Devta Temple for blessingsउत्तराखंड में त्यूनी-मोरी रोड पर स्थित महासू देवता मंदिर में आस्‍था और श्रद्घा का अनूठा संगम देखने को मिलता है। 9वीं शताब्दी में बनाया गया महासू देवता का मंद‌िर काफी प्राचीन है। मिश्रित शैली की स्थापत्य कला मिश्रित शैली की स्थापत्य कलामंदिर में मिश्रित शैली की स्थापत्य कला देखने को मिलती है। इस मंदिर को पुरातत्व सर्वेक्षण में भी शामिल किया गया है। महासू देवता मंदिर देहरादून से 190 किलोमीटर दूर और मसूरी से 156 किमी, चकराता के पास हनोल गांव में टोंस नदी के पूर्वी तट पर स्थित हैं। पौराणिक कथा के अनुसार...

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The Jaunsar Bawar region, is a tribal valley, spread over 1002 sq km and 400 villages,[1], between 77.45' and 78.7'20" East to 30.31' and 31.3'3" North[2]. It is defined in the east, by the river Yamuna and by river Tons in the west, the northern part comprises Uttarkashi district, and some parts of Himachal Pradesh, the Dehradun tehsil forms its southern जौनसार बावर उत्तराखंड की पहाड़ियों में बसा एक ख़ूबसूरत क्षेत्र जो कि ना केवल अपनी ख़ूबसूरती बल्कि अपनी प्राचीन परम्पराओं के लिए भी जाना जाता है। मसूरी से ८५ किलोमीटर की दूरी पर बस यह क्षेत्र उस भौगोलिकता को सम्बोधित करता है जहाँ जौनसारी जनजाति बसी है तथा यह लोग मूलरूप से महाभारत के पाण्डवो व राजस्थान के राजपूतों से उत्पत है। सन १८२९ में जौनसार बावर को चकराता तहसील में जोड़ा गया जो की पंजाब राज्य के सिमुर क्षेत्र का भाग है। सन १८१४ में गौरखो व ब्रिटिशो में हुए युद्ध के पश्चात ब्रिटिशो द्वारा इस क्षेत्र को जीत कर देहरादून जिले के साथ सम्मलित कर दिया गया। १. देविदेवता से सम्बंधित पौराणीक इतिहास : जौनसार बाव...