दिल की आवाज
आगाज तो होता है अंजाम नहीं होता जब मेरी कहानी में वह नाम नही होता जब जुल्फ कीी कालिख में गुम जाए कोई राही बदनाम सही लेकिन गुमनाम नहीं होता हसं हसं के जवा दिल के हम क्यों न चुने टुकड़े हर शक्स की किस्मत में ईमान नहीं होता बहते हुए आंसू ने आंखों से कहा थमकर जो मय से पिघल जाए वह जाम नहीं होता दिन डूबे हैं या डूबी बारात लिए कश्ती साहिल पे मगर कोई कोहराम नहीं होता ...